दोस्तों इस वर्ष बारिश ठीक से न होने की वजह से पानी की कमी अभी से ही खल रही है। आज ही इस नोवंबर के महीने में ही पानी की कमतरता दिख रही है तो आगे क्या होगा ये सोचने वाली बात है। पानी की जरुरत कहा नही होती। रोजमर्रा की जिंदगी में हमें पिने के लिए, नहाने के लिए, कपडे धोना, खाना पकाना इन सभी कामो में पानी की नितांत गरज होती है. इसके अलावा खेतो में, कारखानों में, बिजली बनाने में, कोयले से बिजली बनानी हो या पानी से दोनों जगह पर पानी तो लगता ही है। अब जब की पानी की कमतरता है तो प्रश्न उठता है की इस कम पानी को कहा सप्लाय करे। हर जगह पानी देना ही होगा। खेती को न दे तो अनाज कैसे मिलेगा, कारखानों को न दे तो रोजगार बंद हो जाएगा, बिजली को न दे तो बिजली कम हो जायेगी। परिणाम स्वरुप कारखाने बंद हो जायेंगे। रोजमर्रा की जिंदगी में भी देना जरुरी है।
मेरे कहने का मतलब यही है की हर हालत में सबको पानी देना जरुरी है। लेकिन कम पानी सबको नही पुराया जा सकता। इसका सीधा मतलब निकालता है की हम सबको अब पानी की बचत करना चाहिए बस।
इसलिए दोस्तों किसी भी हालत में हम सबने ये शपथ ले लेनी चाहिए की मै कम से कम पानी इस्तेमाल करूँगा। पानी की बचत करूँगा।
लेकिन ये तो सिर्फ हम घर में खपत होने वाले पानी की बात कर रहे है। उससे कितनी बचत हो सकती होगी भला। इसलिए हमें और भी उपाय करना चाहिए।
(अगली बार हम दुसरे तरीके देखेंगे बचत के)
Sunday, 25 October 2009
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