दोस्तों बिजली बनाने के लिए पानी की जरुरत होती. पानी पर चलने वाली जिसे पनचक्की भी कहा जा सकता है से बिजली बनायीं जाती है. उसमे एक टरबाइन होता जिसमे हमारे घर में जैसे पंखे होते है वैसे ही पंखे होते है. उन पंखो पर उचाइसे पानी गिराने पानी में ताकत होती है उसकी सहायता से वो पंखा घुमाता है और उसके साथ जुडा हुआ गणरेटर घुमाने लगता है. तब कही बिजली बनाने लगाती है. इसमें बहुत सर पानी लगता है. यह पानी बाँध से लिया जाता है. इसलिए यदि हम पानी कम से कम इस्तेमाल करे और साथ ही बिजली में भी कटौती करे तो पानी की अच्छी तरह से बचत हो सकती है. हमारे देश की जनसँख्या अंदाज से यदि हम १०० करोड़ भी पकड़ते है और हर आदमी रोज १ लीटर पानी की बचत करता है तो १०० करोड़ लीटर पानी की बचत हो सकती है.
४० वाट का एक बल्ब एकसाथ २५ घंटा जलाते है तो एक यूनिट बिजली की खपत होती है. अन्दाजतन हम रोज श्याम को करीबन ४ घंटा लाईट जलाते है. इन चार घंटो में हम ४० वाट का एक बल्ब रोजाना कम जलाते है तो छह दिन और १ घंटे में एक यूनिट की बचत होती है. १०० करोड़ जनता में से यदि २५ करोड़ लोग भी छह दिन ४० वाट के बल्ब से एक यूनिट बिजली बचाते है तो २५ करोड़ यूनिट की बचत हो सकती है. तो क्यों न हम सब बिजली की बचत करने में जुट जाए.
Thursday, 12 November 2009
Sunday, 25 October 2009
पानी बचाइए
दोस्तों इस वर्ष बारिश ठीक से न होने की वजह से पानी की कमी अभी से ही खल रही है। आज ही इस नोवंबर के महीने में ही पानी की कमतरता दिख रही है तो आगे क्या होगा ये सोचने वाली बात है। पानी की जरुरत कहा नही होती। रोजमर्रा की जिंदगी में हमें पिने के लिए, नहाने के लिए, कपडे धोना, खाना पकाना इन सभी कामो में पानी की नितांत गरज होती है. इसके अलावा खेतो में, कारखानों में, बिजली बनाने में, कोयले से बिजली बनानी हो या पानी से दोनों जगह पर पानी तो लगता ही है। अब जब की पानी की कमतरता है तो प्रश्न उठता है की इस कम पानी को कहा सप्लाय करे। हर जगह पानी देना ही होगा। खेती को न दे तो अनाज कैसे मिलेगा, कारखानों को न दे तो रोजगार बंद हो जाएगा, बिजली को न दे तो बिजली कम हो जायेगी। परिणाम स्वरुप कारखाने बंद हो जायेंगे। रोजमर्रा की जिंदगी में भी देना जरुरी है।
मेरे कहने का मतलब यही है की हर हालत में सबको पानी देना जरुरी है। लेकिन कम पानी सबको नही पुराया जा सकता। इसका सीधा मतलब निकालता है की हम सबको अब पानी की बचत करना चाहिए बस।
इसलिए दोस्तों किसी भी हालत में हम सबने ये शपथ ले लेनी चाहिए की मै कम से कम पानी इस्तेमाल करूँगा। पानी की बचत करूँगा।
लेकिन ये तो सिर्फ हम घर में खपत होने वाले पानी की बात कर रहे है। उससे कितनी बचत हो सकती होगी भला। इसलिए हमें और भी उपाय करना चाहिए।
(अगली बार हम दुसरे तरीके देखेंगे बचत के)
मेरे कहने का मतलब यही है की हर हालत में सबको पानी देना जरुरी है। लेकिन कम पानी सबको नही पुराया जा सकता। इसका सीधा मतलब निकालता है की हम सबको अब पानी की बचत करना चाहिए बस।
इसलिए दोस्तों किसी भी हालत में हम सबने ये शपथ ले लेनी चाहिए की मै कम से कम पानी इस्तेमाल करूँगा। पानी की बचत करूँगा।
लेकिन ये तो सिर्फ हम घर में खपत होने वाले पानी की बात कर रहे है। उससे कितनी बचत हो सकती होगी भला। इसलिए हमें और भी उपाय करना चाहिए।
(अगली बार हम दुसरे तरीके देखेंगे बचत के)
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